ईवीएम भंडाफोड़ यात्रा में शामिल हुए आजम खान।
संवाददाता सुनील कुमार की रिपोर्ट।बामसेफ की ईवीएम भंडाफोड़ यात्रा पहुंची शाहबाद
बामसेफ के वामन मेश्राम साहब के द्वारा पूरे देश में ईवीएम भंडाफोड़ यात्रा निकाली जा रही है। ईवीएम भंडाफोड़ यात्रा का कार्यक्रम शाहबाद के ढके चौराहे पर बाबूजी की फैक्ट्री में किया गया लगभग 1000 लोग एकत्र हुएl
बामसेफ के मुखिया वामन मेश्राम साहब की अध्यक्षता में इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ जहां पर रामपुर से सपा के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खा भी पहुंचे।
वामन मेश्राम ने कहा की बैलट पेपर द्वारा भी घोटाला हो या करता था एक परसेंट।
लेकिन जब से ईवीएम का चलन हुआ है हर बूथ पर घोटाला होता है यह बात मंच के माध्यम से वामन मेश्राम साहब ने कही वामन मेश्राम साहब ने कहा यह कोर्ट ने भी माना है। कोर्ट के आदेश के बाद भी ईवीएम का चलन बरकरार है इस परदेश विचार क्यों नहीं कर रहा। ईवीएम के घोटाले होते रहे तो हम अपना अधिकार कभी भी नहीं पा सकेंगे इसलिए ईवीएम के द्वारा अगर चुनाव होंगे तो निष्पक्ष चुनाव होना स्वतंत्र चुनाव होना बहुत मुश्किल है। वामन मेश्राम साहब ने कहा की अगर देश की 85% लोग जाग जाएंगे उस दिन देश का लोकतंत्र सलामत रहेगा। हमें इस हमें इस ईवीएम घोटाले के षड्यंत्र से बचने के लिए सभी को एकजुट होना पड़ेगा जात मत मजहब को भुलाकर आपसी भाईचारा कायम करना होगा। सत्ता में मौजूदा लोग हमें जातियों और मजहब के नाम पर बांटना चाहते हैं और हमेशा सत्ता पर बैठकर तानाशाही मनमानी करना चाहते हैं। जिसे रोकना बहुत जरूरी है।
ईवीएम भंडाफोड़ यात्रा में शामिल हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान
आजम खान ने मंच के माध्यम से कहा की बीते समय में हमारे साथ जो हुआ है कौन नहीं जानता कल हमारे साथ क्या हो जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है। आजम खान ने वामन मेश्राम साहब से कहा कि आपने मीडिया को बुलाकर हमारी आवाज बंद कर दी है क्योंकि अगर हम खुलकर कुछ कहेंगे तो सत्ता में बैठे लोग हमारे सच को भी बर्दाश्त नहीं कर सकेंगे। आज के समय में खुल कर बोलना भी एक अपराध बन चुका है। जिसकी सजा हम काट चुके हैं। कैमरे के सामने बोलने के लिए शेर का कलेजा चाहिए जो अब हमारे पास नहीं है। देश की जनता जब इतिहास पड़ेगी तो उसे यही पढ़ने को मिलेगा कि एक पूर्व कैबिनेट मंत्री पद पर होते हुए जिस पर बकरी चोरी भैंस चोरी किताबें चोरी गल्ला चोरी। के आरोप मुझ पर और मेरे परिवार पर लगे हैं।
बात रही ईवीएम भंडाफोड़ की तो अगर तानाशाही रही तो बैलट पेपर से मतदान करने पर भी डंडे का खौफ दिखता है।
फिर वोट डालने के क्या मायने रह गई। फिर जनता को कहां अधिकार है अपनी मर्जी का मुखिया चुनने का। तानाशाही से स्वतंत्र चुनाव नहीं हो सकता। आपने बीते समय में देखा है हम पर इतने मुकदमे ला दिए गए और आज कुछ लोगों पर कार्रवाई के लिए पूरा देश आवाज उठा रहा है लेकिन कोई मुकदमा नहीं लिखा जा रहा है।
कल हमारे साथ क्या हो इसकी क्या गारंटी है।
वामन मेश्राम साहब आपने जो बीड़ा उठाया है वास्तव में बहुत अच्छा है लेकिन हमारे लोग तो सह रहे हैं और समझ भी रहे हैं अगर समझाने की जरूरत है तो आप अपने लोगों को समझाइए और लगाइए हो सकता है कोई रिजल्ट निकल जाए।
वामन मेश्राम साहब और आजम खान के विचारों से आए हुए लोग बहुत प्रभावित हुए और सभी ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया।
वामन मेश्राम साहब ने कहा हम जो भी बात कहते हैं एविडेंस की बुनियाद पर कहते हैं काल्पनिक बातें नहीं करते हर बात सबूत के साथ कहते हैं ईवीएम में घोटाले के बाद कोर्ट ने कही है। जिस पर हमारा विरोध है और हम चाहते हैं देश मैं निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान हो